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- विधि पाठ्यक्रम के विभिन्न भागों में प्रत्येक वर्ष में अलग-अलग प्रवेश लेना होगा।
- किसी भाग (कक्षा) की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्रों को उसी भाग (कक्षा) में पुन: प्रवेश की पात्रता नहीं होगी।
- समस्त कक्षाओं में प्रवेश देने का अधिकार केवल प्राचार्य का होगा।
- जो छात्र गंभीर आपराधिक या अनैतिक अपराध संबंध या परीक्षा अधिनियम के अंतर्गत प्रकरणों में न्यायालय द्वारा दंडित हो चुके हो अथवा जिनके विरूद्ध इस प्रकार के प्रकरण न्यायालय में लंबित हो अथवा जिन्होंने परीक्षा में किसी प्रकार का व्यवधान उत्पन्न किया हो या बल प्रयोग किया हो, उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा। प्रवेश के बाद यदि किसी छात्र के विरूद्ध उपर्युक्त प्रकार के प्रकरण पुलिस या न्यायालय में प्रस्तुत किये जाते है तो ऐसे छात्र का प्रवेश निरस्त कर दिया जाएगा।
- विधि पाठ्यक्रम पूर्णकालिक कोर्स है।
- विधि की पढ़ाई के साथ किसी अन्य नियमित और पूर्णकालिक कोर्स में प्रवेश नहीं लिया जा सकता है। शासकीय/अर्द्धशासकीय/निजी सेवारत कर्मचारी को प्रवेश इस शर्त पर दिया जाएगा कि प्रवेश के लिए ऐसा अभ्यर्थी नियोजक द्वारा दिया गया प्रतिवर्ष का अध्ययन अवकाश प्रमाण पत्र प्रवेश के 15 दिन के अंदर प्रस्तुत करें अन्यथा प्रवेश निरस्त माना जाएगा।
- यदि कोई छात्र/छात्रा विधि की किसी भी कक्षा में 20 दिन लगातार अनुपस्थित रहता है तो उसका नाम काट दिया जाएगा। पुन: प्रवेश लेने पर उसे वि.वि. द्वारा निर्धारित अनिवार्य शुल्क पुन: प्रवेश लेने पर जमा करनी होगी। ऐसा अवसर उसे दो बार ही प्राप्त होगा। नाम कटने के 10 दिन के अंदर पुन: प्रवेश लेना होगा। तीसरी बार नाम कटने पर उसे उस सत्र की वार्षिक परीक्षा एवं प्रयोगात्मक परीक्षा में से किसी में भी नहीं बैठने दिया जाएगा।
- आवेदन पत्र जमा करने के उपरांत विद्यार्थी की स्वयं की जिम्मेदारी होगी कि वह शुल्क आदि की धनराशि निर्धारित दिनांक तक भुगतान करें। अन्यथा प्रवेश स्वत: निरस्त माना जाएगा। किसी भी विद्यार्थी को निर्धारित तिथि के बाद प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- अन्य संस्थाओं से आने वाले किसी छात्र को बिना स्थानांतरण प्रमाण पत्र के स्थायी प्रवेश नहीं दिया जाएगा। साथ ही सेवारत व्यक्ति का अध्ययन अवकाश प्रमाण पत्र भी देना होगा। ऐसा न होने पर प्रवेश निरस्त माना जाएगा।
- छात्र/छात्राओं के प्रवेश के लिए फार्म जमा करते समय मूल अंकसूची कार्यालय सहायक/प्रवेश समिति को दिखानी होगी तथा सत्यापित प्रतिलिपि जमा करती होगी। विधि भाग-1 में प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर बनाई गई वरीयता सूची के अनुसार प्रवेश दिया जा सकेगा।
- अध्ययन काल में अंतराल होने की स्थिति में शपथ पत्र प्रस्तुत करके अंतराल क्यों हुआ, यह स्पष्ट करना होगा।
- स्नातक/स्नातकोत्तर परीक्षा में 40 प्रतिशत से कम योगांक प्राप्त करने वाले किसी भी श्रेणी के अभ्यर्थी के आवेदन पत्र पर बी.सी.आई. नियमानुसार विचार किया जाएगा। परंतु एस.सी./एस.टी. वर्ग के विद्यार्थियों का जाति प्रमाण पत्र के आधार पर 35 प्रतिशत योगांक पर भी प्रवेश परीक्षा में शामिल किया जाएगा।
- उन सभी मामलों में जहां आवेदन पत्र जमा करने की तिथि तक परीक्षा परिणाम घोषित न हुआ हो। प्रत्येक अभ्यर्थी को विधिवत भरा हुआ आवेदन पत्र निर्धारित तिथि तक जमा करना होगा तथा प्रवेश तिथि तक न्यूनतम अर्हता संबंधी अंकसूची जमा करनी होगी अन्यथा उनका आवेदन निरस्त माना जाएगा।
- विधि (त्रिवर्षीय एवं पंचवर्षीय) प्रथम वर्ष तथा पी.जी. डिप्लोमा इन लॉ ऑफ टेक्सेशन प्रथम सेमेस्टर में अस्थायी प्रवेश नहीं हो सकता है।