Anti Ragging
कॉलेज में एंटी रैगिंग (Anti-Ragging) के नियम छात्रों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण प्रदान करने के लिए बनाए गए हैं। यहां पर एंटी रैगिंग से जुड़े मुख्य नियम और उनके प्रावधान हिंदी में दिए गए हैं:
एंटी रैगिंग के मुख्य नियम
रैगिंग की परिभाषा
- रैगिंग का मतलब नए या जूनियर छात्रों को शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना है। इसमें अपमानजनक, हिंसक, या अमानवीय व्यवहार शामिल होता है।
रैगिंग पर पूर्ण प्रतिबंध
- किसी भी प्रकार की रैगिंग कॉलेज परिसर, कक्षा, या कॉलेज की किसी भी गतिविधि के दौरान प्रतिबंधित है।
सजा का प्रावधान
- रैगिंग में शामिल पाए जाने पर निम्नलिखित दंड हो सकते हैं:
- कॉलेज से निलंबन (Suspension)।
- स्थायी निष्कासन (Expulsion)।
- प्रवेश रद्द करना।
- कानूनी कार्यवाही और जेल की सजा।
शिकायत और हेल्पलाइन
- रैगिंग की शिकायत करने के लिए ईमेल और कॉलेज में शिकायत बॉक्स पर शिकायत कर सकते हैं।
- शिकायत गोपनीय रखी जाएगी और पीड़ित की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी।
सतर्कता समिति
- कॉलेज में एक एंटी रैगिंग समिति और स्क्वॉड बनाए जाते हैं जो छात्रों की समस्याओं पर नज़र रखते हैं।
- छात्रों को इन समितियों से संपर्क करने की सलाह दी जाती है।
अभिभावकों और छात्रों को जागरूक करना
- नए छात्रों और उनके अभिभावकों को रैगिंग के नियमों और दंड के बारे में जानकारी दी जाती है।
- कॉलेज प्रवेश के समय एंटी रैगिंग शपथ पत्र भरवाया जाता है।
रैगिंग रोकने के प्रयास
- कॉलेज प्रशासन छात्रों के बीच आपसी सहयोग और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
- सीनियर छात्रों के लिए ओरिएंटेशन प्रोग्राम और काउंसलिंग सेशन का आयोजन किया जाता है।
कानूनी प्रावधान
- रैगिंग के लिए भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 294, 323, 506, और अन्य धाराओं के तहत कानूनी कार्यवाही की जा सकती है।
- ‘रैगिंग निषेध अधिनियम, 2009’ के अनुसार, दोषियों को कठोर सजा दी जा सकती है।